Charoli

Charoli: चारोल्या चार पंक्तियों का एक तुकांत वाक्यांश है। भाषा के प्रभाव के लिए आलंकारिक शब्द, उदाहरण, कहावतें, कहावतें, मुहावरे, भाषा की स्पष्टता, स्वर में उतार-चढ़ाव, शब्द शुद्धता जैसी बातें आवश्यक हैं। लेकिन चारोलिस भाषण और कथन का आभास देता है लेकिन यह जानना जरूरी है कि चारोलिस का उपयोग कैसे किया जाए।

सर्व कार्यक्रमा मध्ये उपयुक्त असणार्ह्या हिंदी चारोळ्या, इंग्रजी चारोळ्या आणि मराठी चारोळ्या अशा काही उपयुक्त चारोळ्या या पोस्ट मध्ये आहेत. गुरुपोर्णिमा चारोळी,  निरोप समारंभ चारोळी,  महिला दिन चारोळी, Teacher’s Day अशा ५० पेक्षा जास्त चारोळ्या(charolya) खाली दिलेल्ह्या आहेत.  

चारोलि का उपयोग कैसे करें?

  • पहले कार्यक्रम के अनुसार चारोली का चयन किया जाना चाहिए।
  • चारोलय और वटकृत्व का संयोग देखना चाहिए।
  • चारोली कथन सही होना चाहिए.
  • चारोली स्पष्टीकरण की गति सही होनी चाहिए।
  • चारोली का उपयोग कब करना है इसका ठीक से ध्यान रखना चाहिए।
  • पहले कार्यक्रम के अनुसार चारोली का चयन किया जाना चाहिए।
  • चारोली और वटकृत्व का संयोग देखना चाहिए।
  • चारोली से कथा विषय का निहितार्थ स्पष्ट होना चाहिए।
  • वक्ता की वाणी/वाक्य को ध्यान में रखते हुए किस चारोली का प्रयोग करना है, इसका ज्ञान होना चाहिए।
  • चारोली का पाठ करते समय उचित भाषा शैली का प्रयोग करना चाहिए।
  • जितना हो सके चारोलों के बीच निरंतरता से बचना चाहिए।
  • कॉम को लागू करते समय पुस्तक को संदर्भ के रूप में उपयोग करें)
  • चारोली क्रम सही होना चाहिए।

Hindi Charoli

English Charoli

English Charoli